1 यो गोस्टी मिना तुमी लक एकोलाय सांगासू का तुम्हि डावाडोल नोको होव।
अना धन्य “किस्मत वारा से” उ जोन मोला अपनावा सेत।
मंग यो उनमा गहराई लक नही धसन को कारन लगत उसीर तकन नही रव्हासेत एकोलाय जबा साजरा वारता को कारन मुसिबत आवासेत ता वय एकच बारमा हार मान लेवासेत।
एना रिती लक उनना यीसु लक ठोकर खाईन। पर यीसु ना उनला कहीस “भविस्यवक्ता को आपरो नगर, अना आपरो घर ला सोड़ अना कही बेज्जती नही होवासेत।”
वोना बेरा मा गजब बिस्वासी गीन को भरोसा थन्डो पड़ जाहेत, अना वय एक दुसरो ला धरायेत, अना एक दुसरो लक घीरना करयेत।
मिना यो गोस्टी तुम्हि लक एकोलाय कहीसेउ, की मोरो खुसी तुम्हि मा बनो रव्हो, अना तुम्हरो खुसी पूरो भई जाहे।
पर यो गोस्टी मिना एकोलाय तुमी लक सांगीसेउ की जबा एको बेरा आहे तो तुमला हेत आहे की मिना तुम्हि लक पुढा च सांग दियो होतो।
साजरो तो यो सेत, का मांस अना दारू ला नोको खाय पिये, अना कोनी असो काम नोको करो, जोन को लक कोनी भाऊ अना बहिन खोद्दा खाय, अना आपरो रस्ता लक भटक जाय।
यहान तकन का तुमी साजरो लक साजरो गोस्टीहुन ला चहेतो जाननो, अना मसीह को दिवस तकन खरो बनयो रव्हो अना परख नोको जावनो।
अना खोद्दा लगन को गोटा, “अना ठोकर खावन को चट्टान बन गयो।” लोग ठोक्कर खावासे, काहेका वय बचन को पालन नही करतत। अना बस योच उनको लाय ठहरायो गयो सेत।