यीसु ना उनला एक अखीन बोधकथा सांगयो सरग को राज डबल रोटी मा डाखन वालो खमीर पावडर जसो से। जोन ला आन कन एक बायको ना दहा किलो कनीक मा डाख दियो, अना सफा दहा किलो कनीक खमीर बन गयो।
रास्ता को किनारो मा अँजीर को झाड़ चोयके उ ओको जवर गयो। तब पान ला छोड़ ओमा अखीन काही नही पायो अना झाड़ लक कहीस, “अता लक तोरो मा कबच फर नही लगहेत।” अना अँजीर को झाड़ तुरूत सूक गयो।
जबा मि उनको सँग होतो, मिना तोरो उ नाव लक, जोन तुना मोला देइसेस, उनको रक्सा कर, अना नास होवनवालो टूरा ला सोड़के उन लोकगीन मा लक कोनी नास नही भयो। एकोलाय की पवितर गिरंथ मा जोन कहो गयो उ पूरो होए।
यदि काही डगाली तोडके बेगरो कर दियो गयो सेत। अना तुमी गैरयहुदिगिन! जो बन जैतून सेव उनको जघा मा कलम लगायो गयो से अना जैतून को जड़ अना वोको चिकनाई को भागीदार बने।
एकोलाय परमेस्वर को दयालुपन अना कठोरपन दुई गोस्टी पर बिचार करो। पापी लोग काजी उ कठोर सेत, अना तुमरो लाय परमेस्वर को दयालुपन सेत, पर सरत यो से, का तुमी वोकी दयालुपन को लायक बनो रव्हो। नही तो तुमला भी कापके अलग कर दियो जाहेति।
जेने आपरो आप ला आमरो साठी दे देईसेस, की आमी ला हरेक परकार लक दुस्टपन लक छुड़ाय लेहे। अना आपरो बेचयोगयो लोकहुन को रुप मा आमीला पवितर करलेव, जोन लक नेक काम करन लाई आमी हरमेसा तैय्यार रव्हे।
एना गोस्टी को ध्यान राखो का कोनी मानूस परमेस्वर को किरपा लक मुरक ना जाय, अना तुम्हीला दुख देवन काजी अखिन लगत लोक गिनला खराब करन काजी कोनी झंझट को जड़ नोको फूटेत।
मसीहको बिरोधी आमरो च बीच लक हिटीसेत पर बाकई मा वय आमरो नही सेत काहेकि अदि वय खरो आमरो होतीन ता आमरो संगी होतीन। पर वय आमला तज देयि सेत जेकोलक वय यो चोवाय सकेत का उनमा लक कोनी भी पक्को मा आमरो नाहती।