11 मिना यो गोस्टी तुम्हि लक एकोलाय कहीसेउ, की मोरो खुसी तुम्हि मा बनो रव्हो, अना तुम्हरो खुसी पूरो भई जाहे।
अखीन पलियो हुओ बोकरा आनके, मारो जेवन करो खुसी मनाओ।
पर अबा खुसी मनाव काहेका, तोरो लहान भाऊ मर गयो होतो, मंग जित्तो भई गई से। गुम गयो होतो अबा मिल गयो से।
अखीन जबा उ मिल जावसे, तबा उ गजब खुसी होवासे, अखीन मेंढा ला कन्धा मा उचल लेवसे।
अखीन जबा उ मुन्दरी को सिक्का मिल जासे, उ आपरो सहेली अना सेजारीन ला इक्कठो करासे, अखीन कव्हसे, का मोरी सिक्का गुम गयो, होतो मिल गयो से, मोर संग खुसी मनाओ।
अबा तकन तुम्हि लोक ना मोरो नाव लक काही नही माँगीसेव, माँगो तो तुम्हिला भेटेत, जोनलक तुमरो खुसहाली पूरो भई जाहेत।”
मि ना यो गोस्टी तुमला एकोलाय सांगीसेऊ की तुमला मोरो सान्ती मिल्हे, जगत मा तुम्हिला दुख होवासे, पर हिम्मत राखो! मि ना जगत ला जीत लियोसेऊ।
अबा मि तोरो जवर आवासू अना यो गोस्टी जगत मा कव्हसू, की वय मोरो खुसहाली आपरो मा पूरो पाहेत।
जोन की नवरी से, उ नवरा से, पर नवरा को संगी जो उभो से, वोकी आयकसेस अना नवरा को सबद लक खुस होवासे। अता मोरो खुसि पूरी भय गयी।
अबा आस को परमेस्वर, तुमला भरोसा करन मा पूरो खुसि अना सान्ती लक भरदे। जेनको लक पवीतर आतमा को ताकत लक तुमरो आसा बढत जाय।
असो गोस्टी नाहती का आमी तुमरो भरोसा को बारेमा हक जमानो चाव्हासेजन, पर आमी तुमरो खुसी मा संग काम करनवारा सेजन काहेका तुमरो भरोसा पक्को से।
दारू ला पीवके बोलनवारा ना होवने, काहेकि एको लक लुच्चाई होवासे, पर एको उलट आतमा लक भरजाव।
एकोलाय मोला असो भरोसा से ऐना रिती लक मि जानासेऊ की मि जित्तो रहुँ, अना तुमी सब को सँग रहुँ एना रिती लक तुमी भरोसा मा पक्को होता जाव अना ओमा खुसी रव्हो।
हमेसा खुसी लक रहवो।
तुमीना यीसु ला कभीच नही चोवयो सेव। अना वोको लक बगर देखयो पिरेम रखासेव। अना वोको पर बगर देखयो बिस्वास भी करासेव। अना यो बिस्वास को कारन तुमी लगत खुसी अना मगन सेव। जोन महिमा लक भरयो सेत। जोनला सागयो नही जाय सकत।
अना यो गोस्टी आमी एकोसाठी लिखासेजन का तुमरो खुसी पूरी भयी जाहे।
मोला लगत सा गोस्टी तुमला लिखनी से, पर कागद अना स्याही लक लिखना नही चाव्सेजन; पर मोला आस से की मि तुमरो कठा आयके आमना-सामना गोस्टी करुहू, जेकोलक की तुमरो खुसी पूरी होय जाय।