एक अखीन उदाहरन ला आयको, एक घर को मालिक होतो, जेना अंगूर को बारी लगाईस, ओको आस-पास रुधान रूधिस, ओमा अंगूर को रसा को कुन्ड खोदिस अना गुम्मट बनाइस, अना खेती करन वारा गिनला ओको ठेका देयके परायो देस मा चली गयो।
यदि काही डगाली तोडके बेगरो कर दियो गयो सेत। अना तुमी गैरयहुदिगिन! जो बन जैतून सेव उनको जघा मा कलम लगायो गयो से अना जैतून को जड़ अना वोको चिकनाई को भागीदार बने।
मि तुमला एक अखिन दुसरी नवी हुकूम लिख रही सेऊ। ऐना बिसय को सत्य मसीह को जिंदगी मा अना तुमरो जिंदगी हुन मा उजागर भयी से काहेकि अंधारो खतम होय रही से अना खरो उजियाड़ो ता चमक च रहयो से।