31 पर यो एकोलाय होवासे, की जगत जानेह की मि बाबूजी लक माया राखासू, अना जसो बाबूजी ना मोला हुकूम देइसेस वसोच करूसू, उठो, यहान लक चलो।
मँग उ जरासो, पयले जायके, टोन्ड को बल पड़यो अना असो पिराथना करन लगयो। “ओ मोरो परमेस्वर बाबू, अदी भय सकासे ता या दुखको बटकी मोरो पुढा लक टल जाय, पर जसो मि चाव्हुसू, वसो नही, पर तु जसो चाव्हसेस वसोच तोरो मरजी ला पूरी कर।”
उभो होय! चोवो मोरो धरान वालो कठा आय गईन।
मोला एक अखीन बप्तिस्मा लेनो से। अखीन जबा तकन यो पूरो नही होवासे मी गजब दुखीसेव।
मोरो जिंदगानी कोनी मोरो लक नही हीसक सकासे। पर मि ओला आपच देवसेउ, मोला ओला देवनो को भी हक से अना ओला मंग लेवन को हक से। यो हुकूम मोरो बाबूजी लक मोला मिलिसे।
“अब मोरी मन बेचेन से, का मि यो कहुँ, बाबूजी, यो बेरा को आफद लक मोला बचाव? काहेका यो काजी मि यो बेरा तकन पहुची सेउ।
काहे की मिना आपरो कन लक गोस्टी नही करिसेऊ, पर बाबूजी जोनना मोला धाड़िसेस ओना मोला हुकूम देईसेस, मि काजक कहुँ, अना मि काजक सांगीन?
फसह को तिहार को पुढा जबा यीसु ना जान लियो का मोरी बेरा आय गयो से, का मी जगत ला सोड़के बाबूजी को जवर जावनो से, ता आपरो लोकगीन लक जोन जगत मा होतीन, उनलक जसो माया उ राखत होतो, आखरी बेरा भी वसोच माया राखिस।
जसो बाबूजी ना मोरो लक माया राखीसेस, वसोच मिना तुमी लक माया राखीसेऊ, मोरो माया मा बनो रव्हो।
तब यीसु ना पतरस लक कहीस, आपरी तलवार म्यान मा राख, जोन बटकी बाबूजी ना मोला देइसेस, का मि ओला नही पीहुँ?
यीसु ना उनला कव्हासे, जोन मोला धाड़ीसेस, वोकी मरजी पर चलहु, अना वोको काम ला पूरो करू, योच मोरो जेवन से।
अखीन मानूस को रूप मा आयके आपरो आप ला खुदच दिनहिन कर लेईस, अना यहान तकन हुकूम मानन वालो रहयो की मिरतु हव, कूरूस को मिरतु ला सह लेईस।