4 जेवन लक उठके आपरो कपरा ला उतार देईस, अना गमछा लक आपरी कम्मर ला बाँधिस
धन्य सेत वय दास जेनला वोको मालीक को आवनो पर जागतो मिल्हेत, मी तुम्ही लक खरो कव्हसू, मालीक उन ला पूरी तैय्यारी को सँगा जेवन लाय बसाहे, अना जवर आयके उनको सेवा करहे।
“यदि तुमारो दास नांगर धरकेना खेत लक लवटसे, या सेरकी सेरी चरा के ना लवटासे, तो तुमी मा लक असो कोन सेत? जोन सांगेत आ अबा जेवन करले।
अना यो नही कहे, की मोरो जेवन तैय्यार कर, अना मि जबा तकन जेव नही लेऊ, तबा पासुन तैय्यार रव्हके मोरी सेवा कर, एको मंघा तु भी जेव लेजोस।
कायलाई का मोठयो कोन से, जो जेवन करन बस्यो से? का उ जोन सेवा करासे ? का उ नही जो जेवन करन बसो सेस? पर मी तुमारो बीचमा नौकर जसो सेव।
जबा उ उनको पाय धोय चुकयो, अना आपरो कपरा डाकके बस गयो, ता उन लक कव्हन लगयो, का तुम्हिला समजमा आयो! मिना तुमरो सँग काजक करीसेव?
तुम आमरो पिरभु यीसु मसीह को किरपा जानासेव। का उ धनी होतो पर तुमरो काजी उ कंगाल भई गयो, जोन लक वोको कगांल होवन को कारन तुमी धनी भई जावो।
काहेका जोन साजरो बारता तुमी ना सुरूवात लक आयकियात, उ यो से का आमी एक दुसरो लक माया राखबिन;