पर अदि मि आपरो मोठो दाअजी को काम करासेउ, ता चाहे मोरो बिस्वास नोको करो, पर काम पर ता बिस्वास करो। जोन लक तुम्हिला पता लग जाय का बाबूजी मोरो मा से अना मी बाबूजी मा सेऊ।”
मोठो परमेस्वर ना उनको डोरा ला अँधरा कर देइस अना उनको अक्कल ला सटया देइस। परमेस्वर ना कव्हयो, कहीं असो न होहे की वय डोरा ला चोयेत, अना अक्कल लक समजेत। अना मोरो मंघा भय जाहेत। अना मि उन ला साजरो कर देहुँ।
उनको डोरा छिनालापन लक भरयो सेत। अना उनला कधीच नही मिटनवारा पाप करन लाय को भूक आहेत। वय कमजोर आतमा ला मोहित करतत। उनको मन ला लोभ को सिक्सा मिल्यो सेत। वय सराप को सन्तान सेत।