वोच बेरा यीसु ना कव्हयो परमेस्वर बाबूजी सरग, अना धरती को पिरभु, मी तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला अक्कलवर अना समजदार लोकगीन लक, लूकाईसेस अना लेकरागिन पर परगट करयो से।
जबा उ असो कव्हच रहयो होतो, तबा एक पाँढरो, बादर न उनला ढाक लियो, अना उ बादल लक एक आवाज आयी यो मोरो एकच चहेतो, टूरा से, जेनको लक मी गजब खुसी सेव “एकी आयको!”