पर वय चिल्लाइन, ले जाव, ले जाव! अना ओला कूरूस मा चघाव, पीलातुस ना उन लक कहीस, का मि तुमरो राजा ला कूरूस पर चघाऊ! मुखिया पुजारी ना जवाब देइस, कैसर ला छोड़ हमरो कोनी राजा नहाय!
वय परमेस्वर को सेवक, मोसे अना पाठी को यो गाना गावत होतिन, “हे सब लक ताकत वर पिरभू, परमेस्वर तोरो काम मोठा अना चमत्कार जसो सेत, हे जूग-जूग को राजा, तु न्यायी अना खरो सेत।”
एको बाद मिना चोवयो, अना दिसयो का हरेक कबिला, अना कुल अना लोकगीन अना भासा मा लक, एक असी लोक को गरदी, जेनला कोनी नही गीन सकत होतो। पाँढरो कपरा डाकयो, अना आपरो हात गीन मा खजुर की डारी गीन लियो हुयो, राजगद्दी को पुढ़ा अना मेढ़ा को पुढ़ा उभी दिसयो।