दुई दिवस को मंघा पास्का अना बलिदान को तिहार होवन वालो होतो। मुखिया याजक अना मोसे को नियम को गुरू यो बात को तक्का मा होतिन की ओला कसो छल लक धरके मार डाकबिन।
फसह को तिहार को पुढा जबा यीसु ना जान लियो का मोरी बेरा आय गयो से, का मी जगत ला सोड़के बाबूजी को जवर जावनो से, ता आपरो लोकगीन लक जोन जगत मा होतीन, उनलक जसो माया उ राखत होतो, आखरी बेरा भी वसोच माया राखिस।
उनला संग ले जाय अखिन उनको संग पवितर करनो को जलसा मा सामिल भयि जा अना उनको खरचा उठाय का वय भी आपरो डोस्की मुंडवा लेय। तब सब जान जाहेत का उनना तोरो बारेमा जो आयकिसेत उ सब सच नाहती। पर तु आपच मोसे को नियम अनुसार जिंदगी जिओ सेत।
असो परकार पौलुस वय मानूस गीनला आपरो संग ले गयो। अना दुसरो दिवस उनको संग पवीतर होयके मंदिर मा गयो। अना उ सांग देईस का उनमा लक हर एक को लाई चढावा चघायो जानो को दिवस कबा पूरो होहे।