49 तबा उनमा लक काइफा नाव को एक मोठो मुखिया याजक होतो। ओना कहीस, तुम काही भी नही जानो,
तबा मुखिया याजक अना सयानो लोकगीन काइफा नाव को मोठो मुखिया याजक, को आँगन मा जमा भईन।
हन्ना अखीन काइफा, मुखिया याजक होतो। वोना दिवस मा, परमेस्वर को कव्हनो, सूनसान जघा मा जकरयाह को टूरा, योहन को कठा पहुचो।
यो गोस्टी ओने आपरो कन लक नही कहीस, पर आवन वारो गोस्टी ला जानके, मोठो मुखिया याजक होवनो को कारन लक सांगीस, का यीसु ओना लोकगीन लाई मार दियो जाहेत।
मुखिया पुजारी हन्ना, काइफा, योहन, सिकन्दर अना मोठो याजक को परिवार को सबच लोकगीन वहान हाजीर होतीन।
कहान रहयो गियानीगिन? अना कहान रहयो मोसे को नियम को गुरू? कहान रहयो यो दुनिया को बकवासी? का परमेस्वर ना दुनिया को गियान ला, अठ्ठियागिरी नही ठहराईसेस?
जोन समजदार सेत। उनला अमी अक्कल देवा सेजन। परा यो अक्कल यो जुग को नाहती। ना च यो जुग को राजा हुनको अक्कल सेत। जोन दुनिया ला नास को कगर मा आनासेत।