48 अदी हमि ओला असोच सोड़ देबीन, तो सबच ओको पर भरोसा कर लेहेत, अना रोमी आयके आमरी जघा अना लोक दुही पर हक जमा लेहेत।
तबा राजा ला गुस्सा आयो अना अपरी सेना धाड़के, उनला नास करीस, अना धड़काय डाकिस।
एकोलाय चौवक पर जावो अना जेतरा लोक, तुमला मिलहेत सबला बिहा को जेवन, मा बुलायके आनने।
यो काजी जब तुमी उ उजाड़न वालो, बेकार चीज ला चोवो, जेनको चरचा भविस्यवक्ता दानीयल को किताब मा से, पवीतर जघा मा उभो चोवयो। (जो वाचेत वोला समजमा आय जाहेत)
तबा सप्पा भीड़ ना जवाब देइन, “एको खून को बदला, आमी अना, हमरो सन्तान ला मिले।”
मोसे को नियम को गुरू तुम पर धिक्कार सेत, तुम्ही ना गियान को कुन्जी हिसकसेव, अना तुम्ही खुदच नही धसेव अखीन कोनी ला भी नही धसन देसो।
“रास्ता को किनार का बीज वय सेती। जोना आयकीस, तबा बालजबूल उनको मन लक, गोस्टी उचल ले जासे। कही असो नाहती की भरोसा राखेत, अना साजरो बिस्वास लक सूटकारा मिल जाये।
उ सच्चो उजाड़ो को बारे मा सबला गवाही देन आयेव होतो, का सब वोको गोस्टी ला मानके भरोसा करेत।
हमीना एना नाव को सिक्सा देवन लाई तुमला कड़ो हुकूम मना कियो होतो, मंग तुमी यो सिक्सा लक सप्पा येरुसलेम सहेर ला भर देइसेव। अना वोना मानूस की हत्या को दोस आमरो पर लादनो चाव्हासेव।