वोच बेरा यीसु ना कव्हयो परमेस्वर बाबूजी सरग, अना धरती को पिरभु, मी तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला अक्कलवर अना समजदार लोकगीन लक, लूकाईसेस अना लेकरागिन पर परगट करयो से।
तबा ओना मलमल को एक कपरा खरिद लेइस, अना लास ला उतारके ओला चादर मा लपटिस, अना एक मरघटी मा जो चट्टान मा खोदी गई होती राखिस। अना मरघट्टी मा धसन को जघा पर एक गोटा अड़ा देइस।
वोच बेरा उ पवीतर आतमा लक खुसी मा भर गयो अना कव्हसेत, “हे बाबूजी, सरग अना धरती को मालीक, मि तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला, मोसे को नियम को गुरू अखीन समजदार लक लुकाके राखिसेस। अखीन नहानो लेकरा गीन पर, उजागर करीसेस। हाँ हे बाबूजी तोला, असोच साजरो लगिसेस।”
जमा वसूली करन वालो, पापी अधिकारी काही दूहुर मा उभो होतो, वोला सरग कना, डोरा उठानो तकन को हिम्मत नही होतो। उ आपरो छाती पीट-पीट के ना कव्हत होत्यो, “परमेस्वर मोरो पर दयाकर।”