“अता जोनला बाबूजी ना चघावा ठयरायके जगत मा धाड़ीसेस, का तुमी एकोलाई ओला कव्हसो, तु परमेस्वर की निन्दा करासेस? एकोलाय मि ना कव्हयो, मि परमेस्वर को टूरा सेउ।
सबअ राज को अधिकारी गिनको पालन करनो पाहिजे। काहेका कोनी भी अधिकार परमेस्वर को हुकूम को बिना मौजुद नाहती। अना मौजुद अधिकारी गिन परमेस्वर लक राख्यो गयो सेत।