जबा उ असो कव्हच रहयो होतो, तबा एक पाँढरो, बादर न उनला ढाक लियो, अना उ बादल लक एक आवाज आयी यो मोरो एकच चहेतो, टूरा से, जेनको लक मी गजब खुसी सेव “एकी आयको!”
यीसु ना ओला नजर गड़ायके ध्यान लक चोयीस, अना ओको दिल मा माया उमड़ गयो। यीसु ना ओला कहीस, तोरो मा एक गोस्टी की कमी से, जाय अना जो तोरो तिजोरी माल से ओला गरीब गोर इनला देदे, अना आयके मोरो मंघा चल तब तु परमेस्वर को राज मा मजे सरग मा धन पावजोस।
मंग वहान पायो जावन वाला लोक गीनला यीसु ना कहीस, “जगत को उजाडो मि सेव। जोन मोरो मंघा चलहेत कबच इंधारो मा नही रहेत, पर ओला उजाड़ो मिल्हेत जोन जिंदगी देवासे।”
पर अबा तुमी परमेस्वर ला वोरख लियो सेव या असो कव्हबिन की परमेस्वर ना तुमला अपनाय लेइसेस, तो तुम्ही कसो मंग उन बेजोर अना बेसार उसुल गीन की आसरा ले सकासेव? का तुमी एक गन मंग उनकी सेवा अपनावन चाव्हसो?
वय असो मानूस होतिन। जोनना कोनी बायको को संग सोय के अपवितर नही भयो होतिन। काहेका वय कुंवारो होतिन। यो वय होतिन जोन पाठी को मघा-मघा जावत होतिन। यो लोकगिन सारी मानूस जाति लक उनला दाम देयकर बन्धन ले छुड़ायो गयो लोक होतिन। वय परमेस्वर अना पाठी को लाय फसल के पयलो फर को रूपमा होतिन।