21 अखीन लोकहुन ना कहिन, यो गोस्टी असो मानूस को नही जोनमा भुत-पलित से। का भुत-पलित अँधरा की डोरा उघाड़ सका सेत?
का अँधरा चोवासे लंगडो चलासे। कोढी गीन साजरो होवासे अना भैरा आयकसे, मुरदा जित्तो होवासे। अना गरिब गिनला साजरो बारता आयकोवासेत।
अना वोको नाव सफा सीरिया देस मा, फैल गयो। अखीन लोकगीन सप्पा बीमार ला, अना दुखी मानूस गीन ला अना जिनमा भुत-पलित झोमयो होतिन, मिरगी वारा, लकवा वारा ला ओको जवर आनीन। अना उ उनला साजरो करत होतो।
ओनो दिवस मा यरुसलेम मा मंदिर को उदघाटन दिवस मनायो जात होतो, अना जाड़ो की बेरा होतो।
असो कव्हके ओना धरती मा थुकीस, अना वा थुक लक माटी ला सानिस अना उ माटी ला अँधरा को डोरा मा लगायके रगड़ देईस।