28 यो गोस्टी यरदन नदी को वोनागन बैतनिहा गाँव मा भयो होतो जहान योहन बप्तिस्मा देत होतो।
दुसरो दिवस यीसु ना गलील जानो को निरनय लेवो,। उ फिलिप्पुस लक भेटयो अना ओको लक कव्हयो “मोरो मंघ होय लेव।”
मंग उ यरदन नदी को वोनागन पराय गयो। जिता योहन पुढा बप्तिस्मा देवत होतो, अना उतच रहयो।
यो इतर तो तीन सौ सिक्का मा बेचो भी जाय सकासे अना गरिब गोर गीनला दियो जाय सकासे।
योहन भी सालेम नगर को जवर बप्तिस्मा देवत होतो, काहे का उता लगत पानी होतो, अना लोक गीन आयके बप्तिस्मा लेवत होतीन।
अना उनना योहन को जवर आयके, वोको लक कहिन, “हे गुरू जोन मानूस यरदन नदी को वोनागन तोरो संग होतो। अना जोकि तुना गवाही देईसेस, चोव उ बप्तिस्मा देवासे, अना सबच वोको जवर आवासेत।”