परमेस्वर कव्होसे, का आखीर को दिवस मा असो होयेत का मी सबा मानूसगिन पर आपरो आतमा उबड़ा देहूँ, मग तुमरो टूरा अना टूरी भविस्यवानी सागेत। अना तुमरा जवान दरसन देखेत, अखीन तुमरा सायनो सपना देखेत।
तरी तुम्ही जिद्दी सेव, अना तुम्हरो गोटा को दिल से। कारन तुम्ही आपरो सजा ला अखिन बढावा देवा सेव। एक दिवस परमेस्वर को कोप अना सही फैसला तुम्हरो पुढा आहेत।
वय दहा सींग जोनला तू ना चोवी सेत, अना वा जनावर वा बेसिया लक लगत गुस्सा करहेत। अना वोको सबा चीज हिसक लेहेत। अना वोला बिना कपरा को सोड़ देहेत। वय वोको आंग ला नास कर देहेत। अना स्तो मा जला डाखेत।