9 दुखी होवने अना सोक करो अना रोवो। तुमरी हासी सोक मा अना तुमरो खुसहाली उदासी मा बदल जाहे।
ओन्हीसिन उनको लक कहीस, उ उना कंतरी कास्तकार गीन ला बुरो रिती लक नास करेत, अना अंगूर को बारी को ठेका दुजो किसान गीनला दे देहे जोन फर देवन को बेरा मा फर देहेत।
धन्य सेत वय, जो सोक करासेत, काहे का वय सान्ती पाहेत।
तबा अबराहम ना वोला सांगिस, हेतकर मोरो लाल, तोरो जीवन मा कसो-कसो सुख मिलिसेस, अखीन लाजर को जीवन मा कितरो मोठो-मोठो दुख होतो, अबा वोला चैन मिलि सेस, अना तोला दुख।
धन्य सेव तुम्ही जोन भुखो सेव, काहेका तुमी अघाय जाहो। धन्य सेव तुमी, अबा रोवसो काहेका तुमला हसनो पड़हेत।
धिक्कार सेत “तुमरो पर, अता अघाय सेव, काहेका तुम, ला भुखो रव्हनो पडे़त।” धिक्कार सेत तुमला, जोन अबा हासोसेव काहेका, तुमला रोवनो अखीन दुख मनानो पड़हेत।