तुमरो गरब करनो साजरा नाहती। का तुमीला मालुम नहती? जरा सो खमिर सब मलो कनिक ला खमीर बना डाका सेत, अना जसो हाना सेत का “एक मरो मसरी, सप्पा बोडी को पानी ला, खराब कर देवसेस।”
वा जेतरी आपरो बड़ाई करके जितरो सुक भोगिसेत, तुमी भी ओला ओतरो च परेसानी अना कस्ट देव। काहेकि उ मन च मन कव्ह से, “मि ता रानी जसो सेव। मि बेवा नहीं सेव, मोरो कबच आंसु नही बहेत।”