कोनी भी गुलाम मानूस दुई मालीक को सेवा नही कर सकासे। काहेका उ एक लक बइर अखीन दुसरो को संग माया राखेत। अना एक लक गाढोपन अना दुसरो ला नीच जानेत। तुमी परमेस्वर अना धन दुही की सेवा नही कर सकासो।
उनको डोरा छिनालापन लक भरयो सेत। अना उनला कधीच नही मिटनवारा पाप करन लाय को भूक आहेत। वय कमजोर आतमा ला मोहित करतत। उनको मन ला लोभ को सिक्सा मिल्यो सेत। वय सराप को सन्तान सेत।