एकोलाई हमी असो लेकराच न बनबिन जो हर कोनी असी नयी सिक्सा को हवा लक उछल जावबिन, जो आमरो रस्ता मा बव्हसे, लोकगीन को छल परन बेवहार लक, असी कपटता लक, जो ठगावन लक भरी योजना ला पेरीत करासे, इता-उता भटकाय दियो जावसे।
हर प्रकार को अजब को सिक्सा मा नोको भरमो, तुम्हारो मन कोलाय यो साजरो सेत। का किरपा लक मजबूत बनयो रवहो, जेवनो पिवनो को नेम धरम लक नही। जोन लक कदिच कोनी को भलो नही भयो सेत। जोनना यो सब मानीसेत।