काहेका अमी गवाही को इतरो मोठ्यो गरदी लक घिरयो हुयो सेजन। जोन अमिला बिस्वास को मन्जे काय सेत? यो गोस्टी को पुरुप सेत। एकोलाय आओ बाधा पहुँचान वालो हरेक चीजला अना वोना पाप को जोन सरड़ मा अमिला उलझा लेवासेत। फटाक नारी फेंकके अना उ दौड़मा धावनो सेत, आओ अमी धीरज लक धावबिन।