मि परदेसी होतो अना तुमी ना मोला, आपरो घर मा जघा नही दियो, मि नंगरो होतो अना तुमी ना झंगा नही पहिनायत। मि बीमार होतो अना जेल म होतो, अना तुमी ना मोरो सुधी नही लियत।
परो को दिवस हमी सैदा मा उतरया अना युलियुस न पौलुस को लाय दयावन भयो अना वोना पौलुस को संगीगिन लक मिलन लाय अनुमति दियो। जोन लक वोको लाय जरूरी-जरूरी चीज वोको संगी आन देहे।
तुमीना आपरो जोन लोकगीन जेलमा होतिन उनको सुदी लियो अना जबा तुमी लोकगीन को धन जपत कर लियो गयो तो तुमीना हूँ लक चूँ नही कव्हयो, काहेका तुमी जानत होतो का एको लक कही साजरा अना हमेसा को संपति तुमरो कठा सेत।