कोनी असो भी सांगेत पर जेवन पोटको लाय, अना पोट जेवन को लायसेत। पर परमेस्वर, यो दुई को अन्त कर देहेत। मंग देह छिंडरापन लाय नाहती, पर पिरभू काजी सेत, अना पिरभू देह काजी सेत।
उ आपरो देह, कलीसिया को मुखिया से; उ देह को जिंदगी को जरिया से। उ पयले पैदा हुया टूरा सेत, जोनला मरन लक जित्तो करयो गयो सेत। जोनलक वा एकलोच सबा चीजगिन मा पयलो जघा हो सकेत।
वय लोकगीन यो नयो गाना गावन लगीन। तु ऐना पावती धरन अना येकी सिक्का खोलन को लायक से। येको एवज मा तुना बली होयके, आपरो रकत लक, हर एक कुल, अना भासा, अना लोक अना जात लक परमेस्वर को लाई लोक हिन ला मोल ले लेई सेस।