जेनको लक तुम्हि अपरो सरग को परमेस्वर बाबूजी की सन्तान कहलाने। कासेकी उ साजरो अना बुरो दुई, को लाय दिवस हेड़ासे। अखीन ईमानदार अना बैईमान, धरमी-अधरमी दुई पर बादर- पानी बरसासेस।
मजे तुमी निरदोस नेक अना सीधो होयके टेड़ो अना जिद्दी लोकगीन को बीच परमेस्वर को बेकसूर औलाद बनया रव्हो, जिनको बीच मा तुमी जिंदगी को बचन लियो हुयो संसार मा जलतो दियो को जसो दिससो।