धन्य सेत वय दास जेनला वोको मालीक को आवनो पर जागतो मिल्हेत, मी तुम्ही लक खरो कव्हसू, मालीक उन ला पूरी तैय्यारी को सँगा जेवन लाय बसाहे, अना जवर आयके उनको सेवा करहे।
उ आपरो देह, कलीसिया को मुखिया से; उ देह को जिंदगी को जरिया से। उ पयले पैदा हुया टूरा सेत, जोनला मरन लक जित्तो करयो गयो सेत। जोनलक वा एकलोच सबा चीजगिन मा पयलो जघा हो सकेत।