आपरो बिचार लक जोन कोनी दिवस ला माना सेत, उ परमेस्वर को लाय माना सेत। जो जेव सेत, उ पिरभू लाय जेवा सेत। अना जोन नही जेव सेत उ परमेस्वर को लाय नही जेव सेत। अना परमेस्वर को धनवाद करासे।
अबा चोवो जबा तुमी ना सच्चाई ला मानत-मानत, सच्चौ भाऊचारा लक निस्कपट माया ला चोवान काजी आपरो आतमा ला पवितर कर लियो सेत। ता पवितर मन लक तेजी लक एक दुजो लक माया करन को आपरो निसान बनालेव।