9 उ तीन दिवस तकन अँधरा रहेयो, अना वोना काही जेवन नही करयो।
दमिस्क नगर मा हनन्याह नाव को एक बिस्वासी रव्हत होतो, पिरभू न वोला दरसन देयके कहीस, हनन्याह! वोना उतर देईस “हव पिरभू”
साऊल जमीन लक उभो भयो अना वोको डोरा उघड़ गयो पर वोला काही नही चोवत होतो, एकोलाई वय वोका हात धरके वोला दमिस्क सहेर ले गईन।