उ जहाज घाट, थन्डी को मौसम मा ठैयरन को लायक नहोती। एकोलाय लगत लोकगिन ना हो सके तो फिनिकस जावन को ठानीन। अना थन्डी उतानी बितावन को इरादा बनाइन। फिनिकस किरेति देस को एक असो जहाज घाट सेत। जेन को मुख दक्सिन अना दिवस बुड़ती, अना उत्तर दुई को पुड़ा सेत।
जबा दक्सिनि वारा हड़ु-हड़ु बहोन लगी, ता उनना सोचयो का जसो उनना चाहयो होतो तसोच उनको योजना को मुताबीक भय गयो। त उनना लंगर उचलके किरेति को कगर-कगर जहाज चलावन लगीन।