18 दुसरो दिवस जबा आमी आँधड़ लक लगत हिंसक धाका खाय रही होतीन, ता वय जहाज को माल फेकीन।
यदि मानूस सप्पा जग ला पाय लेहेत, अना अपरो जान को हानी उठायहेत, ता वोला का नफा होयहेत, यो मानूस अपरो जान को बदला का देहे?
काहेका जान सेत तो जेवन सेत, अखीन तन सेत तो कपरा सेत।
मालीक ना वो अन्यायी मूनीम को बडाई करीस, काहेका उ चलाकी लक काम करीस, यो जुग मा भी असोच लोग परमेस्वर को लोकगीन लक लगत चतुर सेत।
परो को दिवस मा उनना जहाज को उपकरन ला अना तिरपाल भी फेक दिया।
अखीन जबा वय जेवन करके अघाय गईन। मंग गहूँ ला सागर मा फेकके जहाज ला हल्को करन लगीन।
काहेका अमी गवाही को इतरो मोठ्यो गरदी लक घिरयो हुयो सेजन। जोन अमिला बिस्वास को मन्जे काय सेत? यो गोस्टी को पुरुप सेत। एकोलाय आओ बाधा पहुँचान वालो हरेक चीजला अना वोना पाप को जोन सरड़ मा अमिला उलझा लेवासेत। फटाक नारी फेंकके अना उ दौड़मा धावनो सेत, आओ अमी धीरज लक धावबिन।