6 जबा मी चलता-चलता दमिस्क को कठा पहुचयो। त असो भयो का दुफारी को बेरा होतो। बादल लक एकाएक एक मोठी उजाड़ो मोरो चारी कन चमकी।
वहान उनको पुढा वोको रुप बदल गयो, अना वोको टोन्ड दिन को जसो चमकन लगयो। अना वोको कपरा उजारो भय गयो।
अना मी धरती पर पड़ गयो। तबच मी एक असी आवाज आयकू आयो। अरे साऊल! अरे साऊल! तु मोला कायलाई सातवसेस?
एको पर मोठो उथलपुथल मच गयो। फरीसी दल को काही, मोसे को नियम को गुरू, उभा होयके बैस कर असो कव्हन लगीन “हमी एना मानूस मा कोनी दोस नही पाहेत। अदी कोनी आतमा, अना सरगदूत, एको लक काही बोलयो होतो। ता एको लक का?”
अना सब लक आखीर मा वो मोला भी चोविस। मि बेसमय जनम लेइसेऊ।
उ जेवनो हात को सात तारागीन ला धरयो हुयो होतो। ओको टोंड लक ताकत वालो तेज जसी तलवार हिटत होती। ओको टोंड को सोभा दुफार को सुरज को जसो चमक रहयो होतो।