मंग जबा पौलुस ला यो मालुम चलयो का उनमा लक अरधा लोक फरीसी अना अरधा लोक सदुकी सेत तबा मोठो सभा को बीच ओने जोरलक कहीस; मि एक फरिसी सेउ। अना एक फरिसी को टूरा सेउ। मरन को मंघा जित्तो होवन को बारे मा, मोरो आसा को कारन, “मोरो पर मुकदमा चलायो जाय रव्ही से।”
जबा राजपाल न पौलुस ला बोलन को ईसारा करीस। त वोना जवाब देतो हुयो कहीस, तु लगत साल लक यो लोक गिनको न्याय करनवालो सेस। यो जानतो हुयो मी खुसी लक, अपरो बचाव कर रहयो सेऊ।
तबा मिना उन ला साँगियो की रोमी की यो नियम नाहती। कोनी मानूस जबा तकन की दोस लगावन वालो को पुढ़ा होयके, आपरो बचाव मा जवाब देवन को मौका नही मिलहेत। तब तकन, ओला सजा को लाई कोनी सुपरुत नही कर सकत।
मंग तीन दिवस को मघा पौलुस न यहूदी नेता गीन ला बुलवाईस। अना वय जमा भईन, त वोना उनको लक कहीस “भाऊ गीन अदी मीना अपरा लोक अना अपरा पुरखा गीन की रिती-रिवाज को बिरुध्द काही नही करयो। मंग भी मी येरुसलेम लक बन्दी बानायके रोमी को हात सोप दियो गई सेऊ।
असो वय मोसे को नियम ला आपरो हिरदय मा लिख्यो दिसासेत, अना उनको अक्कल भी यो गोस्टी को गवाही देवा से। अना उनको आपस को विचार उनला, कभी दोसी अना कभी निरदोस ठैयरावा सेत।
तुमी अबा तकन समझ रहया होव्हो क अमीना जवाब देइसेत, अमी तो परमेस्वर ला हाजिर जानके ना मसीह मा संगसेजन, अना वो मोरो चहेतो लोक हुन, यो सब गोस्टी तुमरोच उन्नती साठी संगसेजन।
चोवो परमेस्वर ना तुमरो यो उदासी लक का भयो, तुमी कितरो ईमानदार सेव, अना निरदोस सेव यो साबीत करन काजी असो भई सेत। तुम मा जोन गुस्सा अना पलटा लेवन को बिचार, भेव अना खूब जोस पैदा भयो तुमीना हरेक परकार लक दिसायो का तुम निरदोस सेव।
तुमी मोरो मन मा आय बसी सेव, एकोलाय का मि तुमी सब को लाई असोच बिचार करूसेऊ अना मोरी संग बंधन मा रव्हन मा अना साजरो बारता को लाई जवाब अना सबुती देवनो मा तुमी मोरो संगा धरमी अना दया मा संगी सेव।
खुद को मनमा पिरभु मसिहा को सन्मान करा। अदी कोनी तुमरो लक तुमरो बिस्वास को बारे मा विचारेत तर जवाब देवन साटी हरामेसा तइयार राहा। पर नरमाई अना भेव को संग।