15 एना लोक गिन नसा मा नाहती, जसो का तुमी मा लक कितरो लोक समजा सेव, अबा तो दिवस को 9 बजयो सेत।
मंग बनिहारी बेरा जमींदार मंग घर लक हिटयो अना हाट मा गयो। वोला काही बनिहार लोकहुन ला हाट मा इता-उता हिंडत चोवयो।
“हर कोनी मानूस पुढा निट-नाट अंगूर को रस देवासे, अना जबा लोकगीन को जिव भर जासे तबा फिको देवासे, पर तुना अबा लक निट-नाट अंगूर रस बचाय राखिसेस।”
बल्की यो वाच गोस्टी से, जेनको बारेमा योएल भविस्यवक्ता सागयो होतो।