13 पर दूसरो लोक गिन ना पेरीतगिन को हसी उड़ाय के कहीन, वय सब ना काही लगतच अंगुर को रस पियो सेत।
एना लोक गिन नसा मा नाहती, जसो का तुमी मा लक कितरो लोक समजा सेव, अबा तो दिवस को 9 बजयो सेत।
अता कलीसिया जबा एक जघा जमा होहे अना सबको सब दुसरो-दुसरो भासा बोलन लगेत, अखीन बाहेरवालो अबिस्वासी भितर आय जाय तो का वय तुमला बैताड़ नोको कहेत?
दारू ला पीवके बोलनवारा ना होवने, काहेकि एको लक लुच्चाई होवासे, पर एको उलट आतमा लक भरजाव।