9 पिरभू न एक रात को दरसन देके पौलुस लक असो कहीस, नोको हार, पर बोलत जाय अना उगो-मुगो नोको रव्ह।
वहान पौलुस न रात मा एक दरसन मा चोयीस, का मकिदुनिया को एक मानूस वोको लक पिराथना कव्हत हुयो कव्ह रही से, “मकिदुनिया मा आव अना आमरो सायता कर।”
“मी तोरो संग सेव, कोनी भी तोरो पर धावा नही करहेत कोनी तोरो नुकसान नही कर पाहेत। काहेकी येनाच नगर मा लगत सा लोक मोरा अपरा सेत।”
“का पिरभू यीसु मोरो लक कव्हसेस, येरुसलेम नगर लक फटाकने हिटी जाय।” काहेकी उ मोरो बारे मा तोरी गवाही नही मानेत।
वोनाच रात पिरभू न पौलुस को जवर उभो होयके कहीस “हिम्मत राख, जसो तुना येरुसलेम नगर मा मोरो बिसय मा गवाही देईस वसोच तोला रोम देस मा गवाही देनो पडे।”
दमिस्क नगर मा हनन्याह नाव को एक बिस्वासी रव्हत होतो, पिरभू न वोला दरसन देयके कहीस, हनन्याह! वोना उतर देईस “हव पिरभू”
का मी छुट्टा मानूस नही सेऊ? का मी पेरीत नही सेऊ? का मीना पिरभू यीसु ला नही चोविसेऊ? का तुमी लोक मोरो मेहनत को फर नोहोव?
पर तुमी त जानासेव का फिलिप्पी मा दुख उचलनो अना बुरो बरताव सह्वनो को मंघा भी हमी अपरो परमेस्वर मा असी हिम्मत पायके, घोर बिरोध को होतो हुयो भी तुमला परमेस्वर की साजरो बारता आयकावाया।