यीसु ना फरिसी को कड़ो मन ला चोयके उदास भय गयो, अना हिजड़ के चारो कन चोयीस अखीन ओनो मानूस ला कहीस “आपरो हात बढाव।” ओना बढाईस, अखीन ओको हात साजरो भई गयो।
जबा मी हिंडता-फिरता तुमरी उपासना को चीजगीन ला देख रही सेव, ता मोला एक होमनकुन्ड मिली जेनको पर यो लिख्यो से। “जोन ला आमी नही जानासेजन वा परमेस्वर काजी,” तुमी लोक उ परमेस्वर लक बेखबर सेव जेकी पुजा करासेव, “मी वोकी खबर तुमला आयकावसु।”