9 पर साऊल न जोन पौलुस भी कहलावसे, पवीतर आतमा लक भरपुर भय, ओको कन ध्यान लक चोयके कहीस,
हेत राखो, तुम्ही बोलनवारा नही सेव, “तर तुमरो परमेस्वर बाबूजी को आतमा तुमरो भितर लक बोलेत।”
यीसु ना फरिसी को कड़ो मन ला चोयके उदास भय गयो, अना हिजड़ के चारो कन चोयीस अखीन ओनो मानूस ला कहीस “आपरो हात बढाव।” ओना बढाईस, अखीन ओको हात साजरो भई गयो।
मंग दुबारा ओना अँधरा को डोरा मा हात राखीस तबा ओला साजरो-साजरो चोवन लगयो।
वोना उनको कना चोवके ना कहीस, अखीन का लिखोसे? जोन गोटा ला मिस्तरी ना नकारो सेस, वोच कोनटा को सप्पा बजन सहन वालो, गोटा भई गईस।
अना वय सबच पवीतर आतमा लक भर गईन अना जेनो तरह लक आतमा, न उनला बोलन की ताकत देईस ता वय अलग-अलग बोली बोलन लगीन।
जबा उनना पिराथना पूरो करीन ता जोन जघा मा वय होतिन, वा हिल गई अना उन सब मा पवीतर आतमा समा गयो, अना वय बेधड़क परमेस्वर, को गोस्टी आयकावन लग्यो।
पतरस न पवीतर आतमा लक भरपुर होयके, उन लक कहीस, अगा लोकगीन को मुखिया अना मोठो सायना!
पर पवीतर आतमा लक पूरो भरके स्तिफनुस सरग कन चोवत रहयो, वोना चोवयो का परमेस्वर की महिमा ला अना परमेस्वर को उजो कन उभो यीसु ला।