7 अना असो अवाज आयो, ओ पतरस! उठ अना मार, अखीन जेव।
मी ना वोला साजरा लक चोवयो, वोमा धरती को चार पाय वारा जनावर, अना रेंगन वारा जीव, अना उड़न वारा सब पक्सी चोइस।
पर मीना कव्हयो: पिरभू सहि मा पक्को नही काहेकि मी बेकार अना असुध्द जेवन को चीज मोरो टोंड मा कबच नही डाकयो।
काहेकी परमेस्वर लक बनयो सब चीज साजरी से अना कोनी चीज ला नही पायो जाहे।