पर जबा उ असो खराई को आतमा आहे, ता तुमला सबच खराई को रास्ता सांगेत, काहेकी उ आपरो कन लक नही सांगेत पर जोन-जोन काही आयकेत वाच ला सांगेत अना आवनवालो गोस्टी तुमला सांगेत।
तबा पतरस उनला भितर हाकलिस रात मा ठहरनो को जघा दियो। अना रात बिताइस अना आवनो वालो दिवस मा तैयार भयके उ उनको संगा चली गयो। अना काही बिस्वासी याफा लक ओको संगा गयीन।
एक लम्बो-चौवड़ो बैस को मघा पतरस ना उभा होयके उनलक कहीस, “मोरो भाऊ गीन, लगत दिवस पुढ़ा तुमरो मा लक परमेस्वर ना निवाड़ी होतो। का मोरो लक गैरयहुदी गिन साजरा बारता आयकेत, अना बिस्वास करहेत।”
जबा रोम को बिस्वासी न हमरो आवन को बारे आयकिन अप्पियुस बाजार अना तीन सराव तकन मिलन आइन। तबा पौलुस ला देखिन त परमेस्वर ला लगत धन्यवाद देइन, अना लगत खुस भयो।
का कोनी आतमा लक या गोस्टी या चिठ्ठी लक जोन की मानो आमरो कनलक होवासे, यो आयक के का पिरभु को दिवस आय गई से, तुमरो मन एकदम बेचित्त नही होयहेत अना तुमरो मन नोको घबराहे।