22 असो लोक, मा यो हाना सही बसासेस, “कुतरा की पुस्टी वाकड़ी की वाकड़ी” अना “चतुर मानूस मुरख बना सेत।”
यीसु ना उन लक यो बोधकथा कहीस, पर वय नही समझ पाईन का यो का गोस्टी से जोन वा उनलक कव्हसे।