तुमी मोरो मन मा आय बसी सेव, एकोलाय का मि तुमी सब को लाई असोच बिचार करूसेऊ अना मोरी संग बंधन मा रव्हन मा अना साजरो बारता को लाई जवाब अना सबुती देवनो मा तुमी मोरो संगा धरमी अना दया मा संगी सेव।
अगो चहेतो भाऊहुन! मी तुम्हाला दुसरो बार चिठ्ठी लिखासू। यो चिठ्ठी मध्ये तुमी लोकहुनला काही गोस्टी को हेत दिलाय के तुमरो साजरो अक्कल ला सतरक करनो चाव्हासेऊ।