हर प्रकार को अजब को सिक्सा मा नोको भरमो, तुम्हारो मन कोलाय यो साजरो सेत। का किरपा लक मजबूत बनयो रवहो, जेवनो पिवनो को नेम धरम लक नही। जोन लक कदिच कोनी को भलो नही भयो सेत। जोनना यो सब मानीसेत।
अता परमेस्वर, जोन सब पर किरपा करा सेत, जोना तुम्हिला मसीह को बीच मा अमर बेरा को गौरव काजी बुलायो सेत। तुम्ही काही काल सहन करनो को बाद तुम्हीला सिद्ध अना सामरथवान करहेत।
अगो चहेतो भाऊहुन! मी तुम्हाला दुसरो बार चिठ्ठी लिखासू। यो चिठ्ठी मध्ये तुमी लोकहुनला काही गोस्टी को हेत दिलाय के तुमरो साजरो अक्कल ला सतरक करनो चाव्हासेऊ।
अगो चहेतो संगी हुन, अखिन भी मि लगत चाव्हत होतो का तुमला ओनो सूटकारा को बिसय मा लिखु, जोको आमी हिस्सेदार सेजन। मिना तुमीला लिखन की अना तुमला बढ़ावा देन की जरुरत सोचयो ताकि तुमी ओनो बिस्वास को लाई मेहनत करत रव्हो जेनला सब लक मोठो परमेस्वर ना संत मानूस हुन ला हमेसा को लाई दे दियो से।
मि तुमला हेत करावनो चाव्हसेउ अना तुमी ता ऐना सबच गोस्टी ला जानासो का जोन पिरभु ना पयले आपरो लोकहुन ला मिसर की धरती लक हेड़ के आनिस, मंग मा जिनना बिस्वास ला नकार देईन उनला कसो लक नास कर देयो गयो।