ओ मोरो संगीहुन! जहान तकन तुमरो बारेमा मी खुदच बेखटका सेव, अना भरोसा सेत, का तुम खुद च साजरा अना सप्पा गियान लक भरो हुयो सेव। अना तुमी ला एतरो मालुम सेत, का एक मेक ला समजा सको।
अदी मोरो जवर पेरीत जसो उपदेस देवन को वरदान सेत। मोला सबा परकार को गियान हो सका सेत, अना सबा राज की गोस्टी समजनो असान सेत। पहाड़ ला हटान को बिस्वास सेत। पर पिरेम नाहती तो काही नाहती।
परमेस्वर सब परकार को किरपा तुमला देव सकसेत। जोन लक हरेक बात मा हरेक बेरा मा, सबच काही जोन तुमला जरुरी सेत, तुमरो कठा रहेत अना हरेक साजरो काम काजी, तुमरो जवर लगत काही होहे।
कोनी फालतू गोस्टी तुमरो टोंड लक नही निकलनो पाहिजे, पर केवल असी गोस्टी हिटनो पाहिजे जोन ओना बेरा की जरुरत को जसो तरक्की को साठी साजरो होय, जोको लक की आयकन वालो पर दया होय।
अगो भाऊगीन, तुमरो बारे मा आमला सबच बेरा परमेस्वर को धनवाद करनो चाव्हसे, यो जरुरी से, एको साठी की तुमरो भरोसा लगत बढ़ जावसे, अना तुमी सबच को माया आपसी मा लगत बढ़ जावसे।
अबा चोवो जबा तुमी ना सच्चाई ला मानत-मानत, सच्चौ भाऊचारा लक निस्कपट माया ला चोवान काजी आपरो आतमा ला पवितर कर लियो सेत। ता पवितर मन लक तेजी लक एक दुजो लक माया करन को आपरो निसान बनालेव।