ओने मंग तीसरो डाई ओला कहीस, हे समौन योहन को टूरा, का तु मोरो लक माया राखसेस। मंग पतरस उदास भय गयो की ओने तीसरो गन असो कह देइस। का तु मोला माया राखसेस? अना एतरो पर ओने कह देइस, का हे पिरभू तु तो सब काही जानासेस की मि तोरो लक माया राखसु का नही। यीसु ना मंग कहीस मोरी मेढा ला चराव।
चोवो परमेस्वर ना तुमरो यो उदासी लक का भयो, तुमी कितरो ईमानदार सेव, अना निरदोस सेव यो साबीत करन काजी असो भई सेत। तुम मा जोन गुस्सा अना पलटा लेवन को बिचार, भेव अना खूब जोस पैदा भयो तुमीना हरेक परकार लक दिसायो का तुम निरदोस सेव।
मंग मी ना जोन तुमला चिठ्ठी मा लिखयो होतो वोमा ना तो वोको कारन लिखयो होतो जोनना हानी करिसेत अना वोको कारन जोन पर अन न्याय भई सेत पर एकोलाय का तुमरो जोस जोन आमरो काजी सेत परमेस्वर को पुढ़ा चोव जाय, का तोरी भक्ती केतरी सेत।
लेकिन अब मी खुस सेउ काहेका मीना पुढ़ा तुम्हिला दुखी नहीं करीसेव। लेकिन तुम्हरो उदासी ना तुम्हरो मन बदलन को मौका देवासेत। वोना दुखला परमेस्वर बवजासे, अना यो काजी कोनी नुकसान नही भयो।