उ सब दुख मा अमीला, सान्ती देतो रव्हसेत। जोन लक, परमेस्वर को कन लक, अमीला जोन सान्ती भेटासेत, वोच को लक आमी दुसरो ला भी, उनको हरेक दुख मा सान्ती देवन को ताकत अमीला मिल जाय।
अना अब मी तुमरो काजी आपरो दुख को बारे मा खुससेव, काहेका मोरो देह को दुख को बीचमा मी आपरो देह, कलीसिया को कन लक मसीह को दुख ला पूरो करन मा मदद कर रहयो सेव।
पर तुमी त जानासेव का फिलिप्पी मा दुख उचलनो अना बुरो बरताव सह्वनो को मंघा भी हमी अपरो परमेस्वर मा असी हिम्मत पायके, घोर बिरोध को होतो हुयो भी तुमला परमेस्वर की साजरो बारता आयकावाया।