10 काहेका परमेस्वर लक बवजनवारा उदासी को लाय दिल, मा एक बदलाव आवासेत जोन सूटकारा को कन जावासेत। अना वोमा कोनी पस्तावा नाहती। लेकिन वोच उदासी मानूस को मरन को कारन बनासेत।
जमा वसूली करन वालो, पापी अधिकारी काही दूहुर मा उभो होतो, वोला सरग कना, डोरा उठानो तकन को हिम्मत नही होतो। उ आपरो छाती पीट-पीट के ना कव्हत होत्यो, “परमेस्वर मोरो पर दयाकर।”
लेकिन अब मी खुस सेउ काहेका मीना पुढ़ा तुम्हिला दुखी नहीं करीसेव। लेकिन तुम्हरो उदासी ना तुम्हरो मन बदलन को मौका देवासेत। वोना दुखला परमेस्वर बवजासे, अना यो काजी कोनी नुकसान नही भयो।