तबच हे राजा दुफार जबा मी अना सब मोरो संगी रस्ता मा होतिन, तबच मी ना बादल लक एक उजाड़ उतरता चोवयो। वोको तेज दिवस को सुरज लक भी जादा लगत होतो। अना मोरो अना मोरो संगी गिन को आखा-पाखा चमको।
वहान अता लक रात होहेत नही। नाच ता उनला दियो को उजाड़ा को जरुरत होहे अना नाच सूरज को उजाड़ा, काहेका खुदच पिरभु परमेस्वर उनको उजाडो होहे। उ सदा राज करेहेती।