7 एकोलाय का मी दरसन को लगत गोस्टी मा कही गरब लक फूल ना जाऊ, एकोलाय मोरो देह मा एक काटा गडायो जावासेत, मजे सैतान को एक दुत मोला मुक्का मारहेत, जोन लक मी घमंड नही करू।
एकोलाय हमी कल्पना गीन अना हर एक ओरता गोस्टी को जोन परमेस्वर की ओरख के वोको विरोध मा उचली से खंडित करासेत अना हर एक बिचार ला कैद करके मसीह को हुकूम मानन वालो बनावसेत।