ता भी मि तुम्हि ला खरो सांगासू, का मोरो जावनो तुमरो लाय साजरो से, काहेकी अदी मि नही जाऊ तो उ सहायक तुमरो जवर नही आहेत, पर अदी मि जाउ तबा ओला तुमरो जवर धाड़ू।
अगो भाऊ हुन अदी मी तुमारो जवर आयके दुसरो भासा मा बोलु तो मोरो लक तुमला काजक फायदा होहेत। जब तकन मी परमेस्वर कन लक बोलके परकास अना गियान को सिक्सा को गोस्टी ना सांगु।
तुमरो मा लक कोनी असो सांगेत, “मोला सब चीज बेखटका करन को अधिकार सेत।” “हव पर सब साजरा नाहती।” मी असो सांग सका सू, “मोला सब चीज करन को सूट सेत।” “पर मी कोनी चीज को गुलाम नहिसेऊ।”
मी मुरख तो बन गयो, पर तुमी ना मोला मुरख बनन काजी बेबस करीसेव। तुमला तो मोरी बडाई करनो होत्यो, काहेकि अदी मी काही भी नही सेव, ताभि मी उन मोठो लक मोठो पेरीत गीन लक काही गोस्टी मा कम नही सेव।
एकोलाय का मी दरसन को लगत गोस्टी मा कही गरब लक फूल ना जाऊ, एकोलाय मोरो देह मा एक काटा गडायो जावासेत, मजे सैतान को एक दुत मोला मुक्का मारहेत, जोन लक मी घमंड नही करू।
पर वोना मोरो लक सँगीस, “मोरो किरपा तोरो लाय गजब सेत, काहेका मोरो ताकत कमजोरी मा च चोवासेत यो काजी मी खुसी-खुसी लक आपरो कमजोरी पर गरब करबिन का मसीह को ताकत मरो पर सवली करत रव्हे।”
लेकिन आमी यो भी जानासेजन का परमेस्वर को टूरा आय गयो से अना ओना आमला उ गियान देइसेस, मनजे यो का आमी ओमाच रव्हसेजन, जोन खरो से, मोठयो परमेस्वर च खरो परमेस्वर से अना ओच अमर जिंदगी से।